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सुजाता

4.6
53527

बाहर आसमान में बादल घिरने लगे थे| सुजाता खिडकी के पास दिवार से सिर टिकाये बैठी हुई थी| उसकी आँखे आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादलों पर टिकी हुई थी| उसका चेहरा एकदम शांत लग रहा था लेकिन आसमान में उमड़ते ...

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लेखक के बारे में
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शिरिजा

शिक्षा : एलएलबी  

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    02 अगस्त 2018
    अभी और पढ़ने का मन था , बहुत ही सुन्दर इतनी लम्बी होने के बावजूद एक पल नही लगा जैसे कही दूर जाए , बांध के रख दिया इस प्यार ने
  • author
    Mitesh Goyal
    01 सितम्बर 2016
    वाक़ई में कहानी दिल को छु लेने वाली है। आज के इस दौर में रिश्तों का कोई इससे ज्यादा सच्चा और सटीक चित्रण नहीं कर सकता । प्यार को आज लोग सिर्फ टाइम पास के लिए महज एक शब्द के रूप में इस्तेमाल करते है । आपने जो मन के उतार-चढ़ाव वर्णित किये है, वो सराहनीय है, अब और इसके ज्यादा क्या कहूँ की ये रचना शायद यहाँ पढ़ी सब रचनाओ में सबसे उत्तम है। लेखक को सादर धन्यवाद् ।।
  • author
    Rahul Kumar Singh
    03 सितम्बर 2016
    अब तक की सबसे अच्‍छी स्‍टोरी शुरू से अन्‍त तक सस्‍पेंश और लास्‍ट में हैप्‍पी इन्डिंग सच में बहोत अच्‍छी स्‍टोरी थी mind blowing :)
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    02 अगस्त 2018
    अभी और पढ़ने का मन था , बहुत ही सुन्दर इतनी लम्बी होने के बावजूद एक पल नही लगा जैसे कही दूर जाए , बांध के रख दिया इस प्यार ने
  • author
    Mitesh Goyal
    01 सितम्बर 2016
    वाक़ई में कहानी दिल को छु लेने वाली है। आज के इस दौर में रिश्तों का कोई इससे ज्यादा सच्चा और सटीक चित्रण नहीं कर सकता । प्यार को आज लोग सिर्फ टाइम पास के लिए महज एक शब्द के रूप में इस्तेमाल करते है । आपने जो मन के उतार-चढ़ाव वर्णित किये है, वो सराहनीय है, अब और इसके ज्यादा क्या कहूँ की ये रचना शायद यहाँ पढ़ी सब रचनाओ में सबसे उत्तम है। लेखक को सादर धन्यवाद् ।।
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    Rahul Kumar Singh
    03 सितम्बर 2016
    अब तक की सबसे अच्‍छी स्‍टोरी शुरू से अन्‍त तक सस्‍पेंश और लास्‍ट में हैप्‍पी इन्डिंग सच में बहोत अच्‍छी स्‍टोरी थी mind blowing :)