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सुबह की धूप

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कुछ अंधेरे जिंदगी के ऐसे भी होते हैं जिन्हे सूरज की भी आभा भी रोशन नहीं कर सकती । सुना है  आज सूरज आया है, सबको धूम बांटने को, मगर मेरे हिस्से की धूप शायद है ही नहीं। ...

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लेखक के बारे में
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Nalini Singh
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    11 मार्च 2024
    बेहतरीन। दिल की गहराई कहती।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।
  • author
    jasbir arora
    11 मार्च 2024
    मैम आपके हिस्से की धूप भी और स्टीकर भी आप तो दोनों deserve करती हैं
  • author
    Mamta Kundan Tyagi "Mamta"
    11 मार्च 2024
    बहुत अच्छा लिखा है
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    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    11 मार्च 2024
    बेहतरीन। दिल की गहराई कहती।जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।
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    jasbir arora
    11 मार्च 2024
    मैम आपके हिस्से की धूप भी और स्टीकर भी आप तो दोनों deserve करती हैं
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    Mamta Kundan Tyagi "Mamta"
    11 मार्च 2024
    बहुत अच्छा लिखा है