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सुबह का भुला अगर शाम को घर आ जायें तो उसे भुला नहीं कहते

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एक महान गुरु के तेजस्वी शिष्य थे अरविन्द | ब्राह्मण थे इसलिए भिक्षा मांग कर जीवन व्यापन करते थे | नित्य सुबह भिक्षा के लिए जाते और केवल उतना ही लेते जितने की जरुरत हो | उनके इस स्वभाव से सभी बहुत ...

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लेखक के बारे में
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Reena Mirotha
समीक्षा
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  • author
    Mamta Meena
    23 दिसम्बर 2022
    आपकी कहानी बहुत अच्छी है लेकिन बस हर पैराग्राफ के बीच में थोड़ा गैप दीजिए जिससे पढ़ने में भी आसानी होगी और रचना देखने में भी अच्छी लगेगी,,,,👌
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    Mamta Meena
    23 दिसम्बर 2022
    आपकी कहानी बहुत अच्छी है लेकिन बस हर पैराग्राफ के बीच में थोड़ा गैप दीजिए जिससे पढ़ने में भी आसानी होगी और रचना देखने में भी अच्छी लगेगी,,,,👌