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स्त्री एक किताब की तरह होती है....✍️

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स्त्री , एक क़िताब की तरह होती है जिसे देखते हैं सब , अपनी-अपनी ज़रुरतों के हिसाब से कोई सोचता है ,उसे एक घटिया और सस्ते उपन्यास की तरह! तो कोई घूरता है , उत्सुक-सा , एक हसीन रंगीन , चित्रकथा समझकर ...

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लेखक के बारे में
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Rakesh Khichi
समीक्षा
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  • author
    Bhaarat Soni
    07 नवम्बर 2023
    bahut achchhi kavita hai
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    Bhaarat Soni
    07 नवम्बर 2023
    bahut achchhi kavita hai