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सृष्टि का परम कारण और परब्रह्म के सात आवरण

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नैमिषारण्य में जब सूतजी ने परब्रह्म के स्वरूप का वर्णन पूर्ण किया, तब शौनकादि ऋषियों की जिज्ञासा और तीव्र हो गई। उनके नेत्रों में श्रद्धा, मन में मौन और आत्मा में एक अकथ प्यास उतर आई। उन्होंने पुनः ...

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परब्रह्म की लीला और ब्रह्मांडों का अनादि विस्तार
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निखिल ठाकुर

नैमिषारण्य की पावन भूमि पर सूतजी के मुख से जब परब्रह्म के सात आवरणों का रहस्यमय प्रकाश हुआ, तब सारे ऋषि- मुनियों के हृदय में अगाध श्रद्धा और प्रज्ञा का दीप जल उठा। शौनकादि मुनियों ने एक साथ विनम्रता ...

लेखक के बारे में
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निखिल ठाकुर

रहस्य जहां शुरू होता है, वहां से मेरी कलम चलती है। मैं निखिल ठाकुर – तंत्र, अध्यात्म, लोकविश्वास, और अलौकिक रहस्यों की दुनिया का वह राही हूँ, जो शब्दों के माध्यम से पाठकों को एक अद्भुत यात्रा पर ले जाता है। मेरी रचनाओं में श्मशान की शांति, टोने-टोटकों की गूंज, और तांत्रिक गाथाओं की सघन छाया होती है। 📚‘‘मेरी भैरवी रहस्यमय तांत्रिक उपन्यास'', "शिव लीला अमृत", ‘‘वाममार्गी लता साधना", "घटोत्कच्छ संहिता", "जिन्नात का प्रेम", "तंत्र ज्ञान, मंत्र शास्त्र" “टोना विद्या व खिलाया -पिलाया निवारण", “मेरी आध्यात्मिक डायरी”, “मार्कण्डेय संहिता”, “क्या आप जानते है?”, “शिष्य धर्म”, “ठाकुर वाणी”, जैसी सीरीज़ के माध्यम से मैंने लोककथाओं, तंत्र-साधना और अध्यात्म को कहानियों की शक्ल दी है — जहाँ हर शब्द साधना है और हर वाक्य रहस्य का दरवाज़ा खोलता है। मैं सिर्फ लिखता नहीं, जीता हूँ अपने पात्रों को, उनके साथ साधना करता हूँ, और उसी अनुभूति को काग़ज़ पर उतारता हूँ — ताकि पाठक को सिर्फ कहानी नहीं, एक जीवंत अनुभव मिले। यदि आपको लोकविश्वास, रहस्यमय साधनाएँ, तांत्रिक कथा-जगत और भारतीय परंपरा की गहराइयाँ लुभाती हैं — तो मेरी रचनाएँ आपके लिए ही हैं। 🔮 "शब्दों के पीछे भी एक संसार है... चलो उसे साथ में खोजते हैं।" ---7018936948

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