“रूम्पा दीदी... ओ रूम्पा दीदी... दरवाजा खोलो... तुम्हारे लिए संदेशा आया है...।“ मन में कुछ बेचैनी सी थी। सुबह से कुछ भी भला नहीं लग रहा था। रूम्पा ने यह हकार सुनी, कोई उत्साह न हुआ “कि होच्छे?” सवाल ...
“रूम्पा दीदी... ओ रूम्पा दीदी... दरवाजा खोलो... तुम्हारे लिए संदेशा आया है...।“ मन में कुछ बेचैनी सी थी। सुबह से कुछ भी भला नहीं लग रहा था। रूम्पा ने यह हकार सुनी, कोई उत्साह न हुआ “कि होच्छे?” सवाल ...