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बस यूं ही song

4.5
398

बस यूं ही चल दिया राहों में लगा के पंख अपनी बाहों में बस यूं ही, बस यूं ही ।। खुली-खुली ये दिशाएं लगती हैं कम ही सोती ये आंखें रातों में भी जगती हैं बस यूं ही , बस यूँ ही ।। खिलखिलाती हँसी खुशी ...

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लेखक के बारे में
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Akhilesh Thakur

क्यों खुद से दूर हो कर खुद को ही सज़ा दूँ, दुनिया को बहुत जान लिया अब खुद को जान लूँ, सारा वक्त मेरा अब मेरे लिए ही है, अपनी ही खोज में लगा हूँ। Whatsapp me on: 8894000856 [email protected]

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Go Go Gourav "Writer"
    11 जुलाई 2019
    गाने में धुन नही थी।इसलिए इसे गुनगुना नही पाया।शानदार लिखा आपने
  • author
    कुमार अभिनंदन
    03 जनवरी 2019
    अच्छा..
  • author
    02 अगस्त 2018
    nice g
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    Go Go Gourav "Writer"
    11 जुलाई 2019
    गाने में धुन नही थी।इसलिए इसे गुनगुना नही पाया।शानदार लिखा आपने
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    कुमार अभिनंदन
    03 जनवरी 2019
    अच्छा..
  • author
    02 अगस्त 2018
    nice g