एक थी सोनबाई। बड़ी सुन्दर थी। एक बार सोनबाई अपनी सहेलियों के साथ मिट्टी लेने गई। जहां सोनबाई खोदती, वहां सोना निकलता और जहां उसकी सहेलियां खोदतीं, वहां मिट्टी निकलती। यह देखकर सब सहेलियों के मन में ...
यह कहानी बाल साहित्य के संग्रह में शामिल है| कहानी के घटनाओं और पात्रों को ध्यान में रखते हुए कहा जाए तो यह एक काल्पनिक है| काल्पनिक कहानी का उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ बच्चों की कल्पनाशक्ति का विकास करना भी होता है|
इस कहानी की पहली 2 लाइनें बच्चों को चोंकती ज़रूर है परन्तु ये कहानी ऐसे नहीं है की उन्हें बाँध के रख सके|
कहानी का आरंभ अच्छा है परन्तु कहानी में मनोरंजक मध्य और अंत का अभाव है|
घटनाओं और पात्रों का रूप और संबंध भी भली-भांति उभर कर नही आता है|
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