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सोन परी!(कहानी)

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विशुब्द स्नेहा की पलकों में दर्द की नदी बांध तोड़ कर बह रही थीं, शरीर से ज्यादा मन और उससे ज्यादा आत्मा पीड़ा सहन शक्ति सह रहीं थीं, पापा की सोन परी उसने जानें कहीं मन के आत्मा के घावो को सहा है, ...

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लेखक के बारे में
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Kiran Pal

मैं किरण सोनार हाउस वाइफ हु और मुझे दो बच्चे बेटी है मैं घर गरसती में ख़ुश हु साहित्य में प्रेरणा के पहलु लिखना चाहतीं हु

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Namita Dubey
    12 मई 2024
    लाजवाब सृजन
  • author
    छाया सागर
    12 मई 2024
    अच्छी कहानी
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    Namita Dubey
    12 मई 2024
    लाजवाब सृजन
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    छाया सागर
    12 मई 2024
    अच्छी कहानी