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सोचो समझो फिर तुम बोलो

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सोचो समझो फिर तुम बोल मुंँह से निकली बात पराई होती है, सुन लो समझ लो मेरे भाई‌ कहावत है सार्थक हो आई। घर की बात बाहर बोले। एक कान में बात पहुंचे, उसमें नमक मिर्ची लगा दूजे कान तक पहुंच । सीधे-सीधे ...

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लेखक के बारे में
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Madhu Arora
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kanchan Arora
    10 जुलाई 2022
    very nice story
  • author
    09 जुलाई 2022
    बोली में लगाम चाहिए।
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  • author
    Kanchan Arora
    10 जुलाई 2022
    very nice story
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    09 जुलाई 2022
    बोली में लगाम चाहिए।