pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सोचने का तरीक़ा

3.8
787

मैं सोचने का तरीक़ा बदल भी सकता हूँ जो ढाले तू किसी सांचे में ढल भी सकता हूँ जो तू कहे तो तिरे साथ चल भी सकता हूँ मैं तेरी राह में दीपक सा जल भी सकता हूँ तुम्हारे साथ चला जा रहा हूँ मर्ज़ी से मैं ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandeep Sharma
    29 जून 2018
    👌
  • author
    Dhananjay Sharma
    01 अप्रैल 2018
    वाह ! बेहद बढिया !
  • author
    Sumedha Prakash
    21 अक्टूबर 2018
    wah wah
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sandeep Sharma
    29 जून 2018
    👌
  • author
    Dhananjay Sharma
    01 अप्रैल 2018
    वाह ! बेहद बढिया !
  • author
    Sumedha Prakash
    21 अक्टूबर 2018
    wah wah