करामात लूटा हुआ माल बरामद करने के लिए पुलिस ने छापे मारने शुरू किए। लोग डर के मारे लूटा हुआ माल रात के अँधेरे में बाहर फेंकने लगे; कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने अपना माल भी मौका पाकर अपने से अलहदा कर दिया, ...
सआदत हसन मंटो ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।
सारांश
<p><strong>सआदत हसन मंटो</strong> ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।</p>
मंटो की कहानीयां पहली बार पढी । लग रहा था मानो राम गोपाल वर्मा की मिनीमलीस्टीक मुवी हो। बहुत ही सटीक और हिंसा से भरपूर...मगर दिल को छु लेनेवाली । कभी कभी कलाकारों की रचनाओ में समाज का आईना दिखता है । यह ईन्सानों की क्रुरता ही परछाई है जो स्याह बन कर कलम से उभरी है। धन्यवाद मंटो ।
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मंटो की कहानीयां पहली बार पढी । लग रहा था मानो राम गोपाल वर्मा की मिनीमलीस्टीक मुवी हो। बहुत ही सटीक और हिंसा से भरपूर...मगर दिल को छु लेनेवाली । कभी कभी कलाकारों की रचनाओ में समाज का आईना दिखता है । यह ईन्सानों की क्रुरता ही परछाई है जो स्याह बन कर कलम से उभरी है। धन्यवाद मंटो ।
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