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I am a bilingual writer write poems, stories, columns, gazals in Hindi and English जीवन वृत्त –डॉ कनक लता तिवारी डॉ कनक लता तिवारी अंग्रेजी साहित्य से पीएचडी है.इन्होने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया है तथा सुम्बिओसिस पुणे से बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन में ऍमबीए भी किया है . डॉ कनक लता तिवारी कई साल से लेखन के क्षेत्र में हैं .इनकी पहली पुस्तक मेरे मौन का मुखर काव्य संग्रह १९९८ में प्रकाशित हुआ. २००१ में दिल्ली प्रेस कहानी प्रतियोगिता में इनकी दो कहानियो को पुरस्कृत किया गया .इनकी कई कहानिया और कवितायेँ अमर उजाला, राष्ट्रिय सहारा दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई हैं जिन्हें पाठको से अच्छा प्रतिसाद मिला .इनकी कहानिया वामा ,सखी जागरण , ग्रिह्सोभा और हिंदी फेमिना में बराबर प्रकाशित होती आई हैं, आल इंडिया रेडियो पर भी सबरंग में इनकी कहानियां नियमित रूप से ब्रॉडकास्ट होती रही है .डॉ कनक लता का कहानी संग्रह अनसुलझे प्रश्न २०१४ में प्रकाशित हुआ इसके पहले नोवेल्स ऑफ़ थॉमस हार्डी एंड आर के नारायण अंग्रेजी में २०१० में प्रकाशित हुआ .२०१५ में ऐलिस वॉकर आ कंपाइलेशन प्रकाशित हुई .आत्म कथा जो आत्मकथा नहीं है २०१७ में प्रकाशित हुई .सम्प्रति ये अंग्रजी अखबार नेव्स्बंद और हिंदी अख़बार दो बजे दोपहर में नियमित रूप से कॉलम लिख रही हैं . डॉ कनक लता तिवारी को उन्नाव गौरव पुरस्कार ,ऋषि शंकर दिक्सित पुरस्कार ,स्त्री अस्मिता पुरस्कार ,बेस्ट रिसर्च पेपर पुरस्कार मिल चुके हैं . डॉ कनक लता जी समाज सेवा में भी आगे रहती हैं तथा लायन संस्था के साथ मिल कर निचले वर्ग के उत्थान के लिए सतत प्रयत्नशील रहती हैं. गन्धर्व महाविद्यालय से संगीत विशारद का कोर्स कर रही हैं.
I am a bilingual writer write poems, stories, columns, gazals in Hindi and English जीवन वृत्त –डॉ कनक लता तिवारी डॉ कनक लता तिवारी अंग्रेजी साहित्य से पीएचडी है.इन्होने पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया है तथा सुम्बिओसिस पुणे से बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन में ऍमबीए भी किया है . डॉ कनक लता तिवारी कई साल से लेखन के क्षेत्र में हैं .इनकी पहली पुस्तक मेरे मौन का मुखर काव्य संग्रह १९९८ में प्रकाशित हुआ. २००१ में दिल्ली प्रेस कहानी प्रतियोगिता में इनकी दो कहानियो को पुरस्कृत किया गया .इनकी कई कहानिया और कवितायेँ अमर उजाला, राष्ट्रिय सहारा दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई हैं जिन्हें पाठको से अच्छा प्रतिसाद मिला .इनकी कहानिया वामा ,सखी जागरण , ग्रिह्सोभा और हिंदी फेमिना में बराबर प्रकाशित होती आई हैं, आल इंडिया रेडियो पर भी सबरंग में इनकी कहानियां नियमित रूप से ब्रॉडकास्ट होती रही है .डॉ कनक लता का कहानी संग्रह अनसुलझे प्रश्न २०१४ में प्रकाशित हुआ इसके पहले नोवेल्स ऑफ़ थॉमस हार्डी एंड आर के नारायण अंग्रेजी में २०१० में प्रकाशित हुआ .२०१५ में ऐलिस वॉकर आ कंपाइलेशन प्रकाशित हुई .आत्म कथा जो आत्मकथा नहीं है २०१७ में प्रकाशित हुई .सम्प्रति ये अंग्रजी अखबार नेव्स्बंद और हिंदी अख़बार दो बजे दोपहर में नियमित रूप से कॉलम लिख रही हैं . डॉ कनक लता तिवारी को उन्नाव गौरव पुरस्कार ,ऋषि शंकर दिक्सित पुरस्कार ,स्त्री अस्मिता पुरस्कार ,बेस्ट रिसर्च पेपर पुरस्कार मिल चुके हैं . डॉ कनक लता जी समाज सेवा में भी आगे रहती हैं तथा लायन संस्था के साथ मिल कर निचले वर्ग के उत्थान के लिए सतत प्रयत्नशील रहती हैं. गन्धर्व महाविद्यालय से संगीत विशारद का कोर्स कर रही हैं.
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