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शिमला के बहाने से : कुछ पुराने दर्द

4.0
3666

शिमला अब वह शिमला नहीं रहा. शहर के मुकाबले 28*C कूल होगा लेकिन हम अपने शहर में, अपने घर में जितने ठंडे मौसम में रहते हैं, उतना ठंडा मौसम इन दिनों शिमला में नहीं है. और भीड़ … गज़ब की भई. माल रोड पर घूमना मुश्किल है. चल खुसरो घर आपने। पर शिमला का एक अपना ग्लैमर है जो अन्य किसी हिल स्टेशन का नहीं है. पहाड़ों की रानी अगर मसूरी है तो शिमला राजा। मेरा पुत्र, मुझ गरीब माँ का बेटा, कभी शिमला के बिशप कॉटन स्कूल में पढता था. आज शान से कहती हूँ, My son is a product of Bishop Cotton School, Shimla. (Shimla ...

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लेखक के बारे में
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मणिका मोहिनी

एम्.ए.- दिल्ली विश्वविद्यालय रचनाएं – प्रेम प्रहार – काव्य संकलन मेरा मरना – काव्य संकलन कटघरे में – काव्य संकलन ख़त्म होने के बाद – कहानी संग्रह अभी तलाश जारी है – कहानी संग्रह अपना –अपना सच – कहानी संग्रह अन्वेषी – कहानी संग्रह स्वप्न दंश – कहानी संग्रह ये कहानियां – कहानी संग्रह ढाई आखर प्रेम का – कहानी संग्रह जग का मुजरा – कहानी संग्रह पारो ने कहा था – उपन्यास प्रसंगवश – लेख संग्रह अगेय;एक मूल्याङ्कन – सम्पादन उसका बचपन – नाट्य रूपान्तरण तेरह कहानियां – सम्पादन 5 अन्य पुस्तकें प्रकाशनाधीन

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dinesh Mishra
    23 अक्टूबर 2017
    औसत लेखन। यद्यपि भावना प्रधान एवं माता पुत्र का विषय स्वयं ही मर्मस्पर्शी होता है। कहानी में माँ द्वारा बच्चे को अपनी सामर्थ्य से अधिक के स्कूल में दाखिला कराना त्याग समझाया गया, माँ का निम्नस्तरीय स्वार्थ।
  • author
    निजा
    19 दिसम्बर 2017
    खूबसूरत जज्बातों से भरी लिखाई. लिखते रहिएगा.
  • author
    03 जून 2021
    क्या कहना चाहती है समझ नही आया
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    Dinesh Mishra
    23 अक्टूबर 2017
    औसत लेखन। यद्यपि भावना प्रधान एवं माता पुत्र का विषय स्वयं ही मर्मस्पर्शी होता है। कहानी में माँ द्वारा बच्चे को अपनी सामर्थ्य से अधिक के स्कूल में दाखिला कराना त्याग समझाया गया, माँ का निम्नस्तरीय स्वार्थ।
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    निजा
    19 दिसम्बर 2017
    खूबसूरत जज्बातों से भरी लिखाई. लिखते रहिएगा.
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    03 जून 2021
    क्या कहना चाहती है समझ नही आया