pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

शून्यावकाश

3
331

मेरे आस पास  कितनी ही आवाज़ें है| बातें, खिलखिलाहट,  चहकना, चमकना, संगीत, कल-कल नाद | सुगबुगाहट, सरसराहट,  गड़गड़ाहट, ढ़ोल, ताशे, मृदंग,  जलतरंग | और भीतर एक शून्यावकाश  आवाज़ों को आत्मा तक ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
नव्य "नव्या"
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    30 जून 2020
    char line padhi pasand aai
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manjit Singh
    30 जून 2020
    char line padhi pasand aai