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शुभचिंतक

4.8
36

मैं तो तुम्हारी शुभचिंतक हूं काव्या इसलिए तुम्हे बता रही हूं कि अपने पति को ज्यादा देर बाहर मत रहने दिया करो। ज़माना बड़ा खराब है वो सरिता हमेशा डोरे डालती रहती है तुम्हारे पति पर। काव्या की ...

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लेखक के बारे में
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Jyoti

लिखने का हुनर तो नहीं वरन् शौक ज़रूर है, बचपन से ही लिखने की शौकीन रही हूं, सोचती थी क्या लिखूं ऐसा जो ज़िंदगी को देखने के मेरे नजरिए को लोगो तक पहुंचाए, प्रतिलिपि जी से मिले है अब तो ये अरमान भी पूरा होने को है।🙏🙏🙏🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sulekha Chatterjee
    15 मई 2022
    ऐसी शुभचिंतक गण हर मोहल्ले में हर गली में कहीं ना कहीं मिल ही जाएंगी आपको 👌👌👌👍👍👍👍👍
  • author
    दत्ता सावंत
    29 मई 2022
    अतिसुंदर👌🏻👌🏻👌🏻अप्रतिम अभिव्यक्ती👌👌👌👌बहुत बढीया लिखा है आपने 👌👌👌
  • author
    16 मई 2022
    वाह गज़ब बहुत अच्छी कहानी कम शब्दो मे लिखा
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    Sulekha Chatterjee
    15 मई 2022
    ऐसी शुभचिंतक गण हर मोहल्ले में हर गली में कहीं ना कहीं मिल ही जाएंगी आपको 👌👌👌👍👍👍👍👍
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    दत्ता सावंत
    29 मई 2022
    अतिसुंदर👌🏻👌🏻👌🏻अप्रतिम अभिव्यक्ती👌👌👌👌बहुत बढीया लिखा है आपने 👌👌👌
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    16 मई 2022
    वाह गज़ब बहुत अच्छी कहानी कम शब्दो मे लिखा