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श्री राम की चेतावनी...

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महाराज विभीषण बतलाओ, कोई स्तुति जिसका गान करूं, सागर तो अब भी ज्यों का त्यों, अब कौन सा अन्य विधान करूं, मर्यादा में रहकर मैंने, व्रत रखकर पूरा मान दिया, रह निराहार एक भक्त भांति, जब तक कर इसका ध्यान ...