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एक रोटी , पाँच रुपये की !

4.0
5206

एक रिक्शेवान अपने किसी सरकारी काम से , उस सरकारी दफ्तर गया ... जिसके मंजिलों , सीढियों से वो भालीभाती परिचित हो चूका था ... परिचित इसलिए .. अरे भाई ! कोई सात – आठ बार वहां जायेगा .. तो अपने आप ...

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लेखक के बारे में
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विशाल मौर्य

एक इश्तेहार छपवाना है मेरे बारे में , कितनी भी कीमत हो मैं बिकता नही ! Follow my thoughts on the YourQuote app at https://www.yourquote.in/vishaloktiya 🏆 Co- Author of Book Featuring 'Best 1000 Writers of India' ( A Project by Fanatixx) 🏆 Awarded with Appreciation Certificate by Shabdanchal Publication for integral Contribution in their Book. 👥 Instagram id - alfaz.inked 🏫 B.Tech Electronics, DU ✍️ I write to make a Change ! 🎞️ My writeups You Tube channel : Vishaloktiya

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Payal Mittal
    26 जुलाई 2021
    No words par india ke logo ki sachai h
  • author
    Meena Bhatt.
    30 नवम्बर 2020
    ओर अच्छा लिखते रहिये👍👍👍👍
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    13 अप्रैल 2018
    आप बहुत अच्छा लिखते हैं।👍👍
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  • author
    Payal Mittal
    26 जुलाई 2021
    No words par india ke logo ki sachai h
  • author
    Meena Bhatt.
    30 नवम्बर 2020
    ओर अच्छा लिखते रहिये👍👍👍👍
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    13 अप्रैल 2018
    आप बहुत अच्छा लिखते हैं।👍👍