pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

गुंडा

4.2
9780

लघुकथा- गुंडा (ओमप्रकाश क्षत्रिय"प्रकाश") " सभी परीक्षार्थी सीधे बैठ जाए. फ्लाइंग स्कॉट आई हुई है ," पर्यवेक्षक यह कह कर कक्ष में घुमने लगे. मगर रघु दादा के होश ठिकाने थे. उस ने कार्तुश टेबल में घुसा ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

    जन्म-        26 जनवरी’ 1965         पेशा -            सहायक शिक्षक         शौक-        अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन लेखनविधा-    मुख्यतः लेख, बालकहानी एवं कविता के साथसाथ लघुकथाएं व क्षणिका तथा हाइकू . शिक्षा-    एमए ( हिन्दी, अर्थशास्त्र, राजनीति, समाजशास्त्र,  इतिहास ) पत्रकारिता, लेखरचना, कहानीकला, कंप्युटर आदि में डिप्लोमा . समावेशित शिक्षा पाठ्यक्रम में 74 प्रतिषत अंक के साथ अपनी बैच में प्रथम . रचना प्रकाशन-    सरिता, मुक्ता, चंपक, नंदन, बालभारती, गृहशोभा, मेरी सहेली, गृहलक्ष्मी, जाह्नवी, नईदुनिया, राजस्थान पत्रिका, समाजकल्याण , बालभारती, वेबदुनिया, चौथासंसार, शुभतारिका सहित अनेक पत्रपत्रिकाआंे में रचनाएं प्रकाशित. विषेष लेखन-    चंपक में बालकहानी व सरससलिस सहित अन्य पत्रिकाओं में सेक्स लेख. प्रकाषन-    लेखकोपयोगी सूत्र एवं 100 पत्रपत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण प्रकाशनाधीन, लघुत्तम संग्रह, दादाजी औ’ दादाजी, चतुराई धरी रह गई.प्रकाशन का सुगम मार्गः फीचर सेवा आदि का लेखन. पुरस्कार-    साहित्यिक मधुशाला द्वारा हाइकू , हाइगा व बालकविता में प्रथम (प्रमाणपत्र प्राप्त). jजयविजय सम्मान २०१५ प्राप्त.  

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    07 अप्रैल 2017
    वर्तमान परिपेक्ष में सटीक रचना
  • author
    13 जनवरी 2017
    सुन्दर
  • author
    21 अक्टूबर 2015
    सुन्दर लघुकथा आज की हकीकत  को दर्शाती हुई ओमप्रकाश जी बधाई  
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    07 अप्रैल 2017
    वर्तमान परिपेक्ष में सटीक रचना
  • author
    13 जनवरी 2017
    सुन्दर
  • author
    21 अक्टूबर 2015
    सुन्दर लघुकथा आज की हकीकत  को दर्शाती हुई ओमप्रकाश जी बधाई