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शॉपिंग जरूरी या फिजूल खर्ची

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कभी-कभी सोचती हूं जब खाली बैठती हूं, जब अलमारी को संभालती हूं। क्या जो खरीदा, वो सच में ज़रूरी था? या बस एक पल की खुशी थी, जो अगले ही दिन किसी कोने में धूल खाने लगी? कई बार हम लेने कुछ जाते है लेकर ...

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Sakshi Goswami

*.रूबरू मिलोगे तो कायल हो जाओगे* *दूर से हम ज़रा मगरूर ही दिखाई पड़ते है ..*

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    04 मई 2025
    gazab
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