रसूलपुर गांव के जमींदार रामबहादुर की हवेली मे हर समय चहल पहल रहती।घर मे पांच बेटे और एक बेटी थी ।बेटी गौरीसब की लाडली थी।मा बाप उसे जमीन पर पैर ना रखने देते । स्कूल भी घोड़ा गाड़ी ...
प्रिय पाठको मैंने पहली बार कविताये लिखी है जो इस प्रकार है नमन, दस्तक, कोविद और एक और भीष्म ।कृपया इन्हे पढे और विचार प्रकट करे।आप के विचार से मुझे प्रोत्साहन मिलेगा ।धन्यवाद।
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सारांश
प्रिय पाठको मैंने पहली बार कविताये लिखी है जो इस प्रकार है नमन, दस्तक, कोविद और एक और भीष्म ।कृपया इन्हे पढे और विचार प्रकट करे।आप के विचार से मुझे प्रोत्साहन मिलेगा ।धन्यवाद।
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रिपोर्ट की समस्या
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