हेलो दोस्तों,
मेरा नाम विकास भान्ती है । मूल रूप से कानपुर से हूँ पर नौकरी ने सोनीपत, मनेसर, बरेली, अलीगढ, धार, बस्ती, आगरा और अब फिर से बरेली जैसे अलग अलग शहरों में रहने का मौका दिया । जितनी ज्यादा जगहें उतनी अलग अलग संस्कृतियाँ और साथ ही उतना ही ज्यादा अनुभव ।
मूलतः मुझे सामाजिक कहानियाँ लिखने का शौक है पर प्रतिलिपि ने मुझे पाठकों की पसंद के हिसाब से लिखना सिखाया । कुछ लोग बिलकुल शुद्ध हिंदी लिखने में गर्व अनुमव करते है, मेरा मानना है कि भाषा वो लिखी जाए जो मूरख से मूरख को भी आघात करे ।
लेखिनी में आघात करने की क्षमता होना बहुत ज़रुरी है नहीं तो वो बस कलम बन कर रह जाती है और कलम सिर्फ घिसने के काम आती है ।
मैं मूल रूप से सिविल इंजीनियर हूँ और इस समय एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छे पद पर हूँ । पर दिल करता है कि नौकरी छोड़ फुल टाइम राइटर बन जाऊं । बाकी भविष्य तो उसके हाथ में है ।
रिपोर्ट की समस्या
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