pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

शायरी

4.1
2396

1) फितरत ही मुझ ग़रीब की कुछ ऐसी है ना पल पल बदलता मौसम अच्छा लगता है ना पल पल बदलता इंसान 2 )इस दुनिया से नहीं है वास्ता मेरा कोई ग़ुरबत में मेरी ज़िन्दगी का मज़ा है ना छोड़ने के लिए मजबूर है ज़िन्दगी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Salman Hussain
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    विद्या शर्मा
    02 मार्च 2019
    wonder ful...plz write many more
  • author
    Bhoomi
    30 अक्टूबर 2018
    Bohat khub👌🏻👍🏻
  • author
    Afreen Bano
    09 मार्च 2018
    उम्दा...
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    विद्या शर्मा
    02 मार्च 2019
    wonder ful...plz write many more
  • author
    Bhoomi
    30 अक्टूबर 2018
    Bohat khub👌🏻👍🏻
  • author
    Afreen Bano
    09 मार्च 2018
    उम्दा...