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शायरी

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नीलाम कर दी जान किसी ने, हमारी सुकून-ए-जिन्दगी के खातिर। वो भी किसी के आंचल का फूल ही था, जो बिखेर गया शहादत की खुशबू, अपने वतन-ए -चमन के खातिर।।                            श्वेता कुमारी ...

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लेखक के बारे में
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shweta kumari

मेरी कलम मेरा वजूद A writter lives more and more life in his one life. I feel that i also live many characters lives who comes in my imaging.

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    15 February 2019
    जय हिंद...🙏🇮🇳 नमन भारत के वीरों को💐💐
  • author
    16 February 2019
    जय हिंद 🙏🙏
  • author
    Jitendra "JITU/G2/GG"
    15 February 2019
    बहुत खुब
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    15 February 2019
    जय हिंद...🙏🇮🇳 नमन भारत के वीरों को💐💐
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    16 February 2019
    जय हिंद 🙏🙏
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    Jitendra "JITU/G2/GG"
    15 February 2019
    बहुत खुब