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शायरी

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कुछ रहे गुज़र मचल उठे दीदार को तेरे, तुम दिलसे दिलोजान से हो मेरे पास में। खुशियाँ हैं बेशुमार जिंदगी में ऐ सनम , गम भूलके भी आता नहीं मेरे पास में। लोगों को क्यूँ बताएं हम तेरी आशिक़ी, रक़ीब ...

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लेखक के बारे में

मैं सेवानिवृत विद्युत अभियंता हूँ साथ ही साथ कवि एवं गीतकार भी हूँ।वर्तमान में मैं मुंबई में रहता हूँ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    sudha dubey
    15 मार्च 2024
    bahut badhiya
  • author
    11 मार्च 2024
    बहुत सुन्दर
  • author
    12 मार्च 2024
    वाह लाजवाब सुंदर प्रस्तुति 🌹🌹
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    sudha dubey
    15 मार्च 2024
    bahut badhiya
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    11 मार्च 2024
    बहुत सुन्दर
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    12 मार्च 2024
    वाह लाजवाब सुंदर प्रस्तुति 🌹🌹