pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

शायरी

5
2

पढ़िए स्वरचित पंक्तियाँ।। बातों से वार ना कर तू खंजर ही उतार दे।। हैं लाखों किये निवेदन तू सब को ही नकार दे।। तब भी यह हृदय तुम्हारा है जो चाहो सितम करो।। चाहे जीवित रख ले मुझ को या तड़पा के मार ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
brijendra Pandey
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rohit Prajapati
    22 அக்டோபர் 2020
    बहुत शानदार लाजवाब
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rohit Prajapati
    22 அக்டோபர் 2020
    बहुत शानदार लाजवाब