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शायरी ( बीता हुआ कल)

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बिछड जाता है जो कोई.. तो लौटकर नहीं आता_ हमें भी अब बीता हुआ कल याद नहीं आता _ दौहराते हैं वो नगमें हम बार-बार मगर उनमें तुम्हारा नाम नहीं आता _!!   ‌‌- ✍️ BK ...

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    दत्ता सावंत
    17 सितम्बर 2020
    मस्त 👌🏻  
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    दत्ता सावंत
    17 सितम्बर 2020
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