ये कहानी एक शशिकांत नाम के साधारण घर मे पैदा हुए आम आदमी की है जिसका जीवन बचपन से पचपन तक किस प्रकार बदला, उसका व्यवहार, समाज मे प्रतिष्ठा और किस तरह वो सिस्टम से लड़ते लड़ते, उसी का गुलाम बन जाता ...
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शशिकांत (भाग 2)
पियूष कुमार
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सरकारी हॉस्पिटल में पड़े दीवार की तरफ लगी घड़ी को देखते हुए 65 वर्षीय बुजुर्ग की आंखों में आंसू थे ! अभी थोड़ी देर पहले सरकारी डॉक्टर ने उस बुजुर्ग जिसका नाम शशिकांत था, उसे डांटते हुए कहा, यदि तुम्हे ...
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जीवन के उतार चढ़ाव में जो भी देखा उसे कहानी का रूप दिया, लेखन से एक नए समाज की रचना का सपना है
लिखते है किसी के दर्द, किसी की खुशी तो किसी का जीवन.
आपको जो भी पढ़ने को मिलेगा वह स्वयं रचित है
आपका समर्थन मिले ऐसी आशा है
सारांश
जीवन के उतार चढ़ाव में जो भी देखा उसे कहानी का रूप दिया, लेखन से एक नए समाज की रचना का सपना है
लिखते है किसी के दर्द, किसी की खुशी तो किसी का जीवन.
आपको जो भी पढ़ने को मिलेगा वह स्वयं रचित है
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