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शांति निकुंज

4.7
23404

बारह वर्ष की थी शांति जब उसका विवाह चंदन से हुआ.... शांति की पैदाइश उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव के ब्राह्मण कुल में हुई ...गांव की पाठशाला में शांति, जबरन बाबू जी द्वारा भेजी जाती ! उस जमाने ...

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लेखक के बारे में

लेखन मेरा जीवन है अंतर्द्वंद हो या प्रत्यक्षीकरण..जो महसूस करती हूं ,वही लेखनी के माध्यम से उतार देती हूं..! मैं पाठक व लेखक दोनो रूप जीती हूं..! और कोशिश करती हूं अपनी कहानियों में आम इंसान के जीवन की उधेड़बुन को सजीव रूप में प्रस्तुत कर सकूं..! मेरा लघुकथा सँग्रह प्रकाशित हो चुका है, पन्नों के कैनवास .. पन्नों के कैनवास amazon और flipkart पर उपलब्ध है इच्छुक लोग ऑर्डर कर सकते हैं। https://www.amazon.in/dp/9388277953/

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    प्रीति मिश्रा
    01 मार्च 2018
    ऐसा लग रहा था जैसे मैं धर्मवीर भारती जी की गुनाहों का देवता पढ़ रही हूँ, बस कथानक बदल गया हो, मेरे पास शब्द नही है कुछ कहना समुद्र में दो बूंद जल डालना हुआ।
  • author
    आदित्य शिखर
    01 मार्च 2018
    निःशब्द ...हूं .. शब्द ही नही तारीफ के लिए ...सिर्फ मन मे अजीब सी शांति है। काश इस कहानी के लिए 5 से ज्यादा स्टार्स की रेटिंग की जा सकती।
  • author
    Nisha Kataria
    02 मार्च 2018
    शब्‍द नहीं है लिखने के लिए बहुत ही sunder और आपके शब्दों में ऐसा जादू है कि सब वास्तविक लगने लगता है
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    प्रीति मिश्रा
    01 मार्च 2018
    ऐसा लग रहा था जैसे मैं धर्मवीर भारती जी की गुनाहों का देवता पढ़ रही हूँ, बस कथानक बदल गया हो, मेरे पास शब्द नही है कुछ कहना समुद्र में दो बूंद जल डालना हुआ।
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    आदित्य शिखर
    01 मार्च 2018
    निःशब्द ...हूं .. शब्द ही नही तारीफ के लिए ...सिर्फ मन मे अजीब सी शांति है। काश इस कहानी के लिए 5 से ज्यादा स्टार्स की रेटिंग की जा सकती।
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    Nisha Kataria
    02 मार्च 2018
    शब्‍द नहीं है लिखने के लिए बहुत ही sunder और आपके शब्दों में ऐसा जादू है कि सब वास्तविक लगने लगता है