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शांति की पुकार

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किसी मनोहर बाग में एक दिन , किसी मनोहर भिक्षुक गाँव , लिए हाथ में पुष्प मनोहर , बुद्ध आ बैठे पीपल छाँव . सभा शांत थी , बाग़ शांत था , चिड़ियाँ गीत सुनाती थीं . भौरें रुन झुन नृत्य दिखाते , और ...

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लेखक के बारे में

अजय अमिताभ सुमन  अधिवक्ता: हाई कोर्ट ऑफ़ दिल्ली ,मोब: 9990389539, E-Mail: [email protected] दिल्ली हाई कोर्ट में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से बौद्धिक संपदाविषयक क्षेत्र में वकालत जारी अनगिनत कानूनी संबंधी लेख कानूनी पत्रिकाओं में प्रकाशित वकालत करने के अलावा साहित्य में रूचि रही है.अनगिनत पत्र , पत्रिकाओं में प्रकाशनहिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में समान अधिकार। प्रकाशन: रचनाकार , हिंदी लेखक , स्टोरी मिरर, स्टोरीविवर, मातृ भारती , प्रतिलिपि, नव भारत टाइम्स, दैनिक जागरण ,यूथ की आवाज , साहित्य पेडिया , साहित्य सुधा,साहित्य कुंज,साहित्य मंजरी, ,आर्यावर्त,आज,साहित्य, स्पीकिंग ट्री , आज, हिंदुस्तान, नूतन पथ, अमर उजाला , वाटपैड , स्वीक, मीडियम,हिंदी पत्रिका इत्यादि अख़बारों और वेब पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Madhu Vashishta "लेखक"
    30 നവംബര്‍ 2019
    बुद्धम शरणम गच्छामि l कोटि-कोटि नमन
  • author
    20 നവംബര്‍ 2019
    बहुत ही मनोरम कविता... सादर नमन आदरणीय
  • author
    Anuradha Pachwariya
    17 നവംബര്‍ 2019
    बहुत ही सुन्दर
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    Madhu Vashishta "लेखक"
    30 നവംബര്‍ 2019
    बुद्धम शरणम गच्छामि l कोटि-कोटि नमन
  • author
    20 നവംബര്‍ 2019
    बहुत ही मनोरम कविता... सादर नमन आदरणीय
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    Anuradha Pachwariya
    17 നവംബര്‍ 2019
    बहुत ही सुन्दर