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"शान "

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आज.. युग... बिना चप्पल जैसा चलता जा रहा ,       सोच.. ...कुछेक की......ऐसी होती जा रही, गुण कारी..... ओट... पर्दे..... ...के....हुए,       दिखावे की....... बहार... जारी........ रही, जन्म दिन ...

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लेखक के बारे में
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Jaya Nagar

मैं जया नागर इलाहाबाद (प्रयागराज) एम ए, बी एड

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    14 दिसम्बर 2021
    बहुत सुंदर लिखा आप ने 💐💐💐💐💐💐💐 ✍️👌👌👌👌👌👌👌👌👌 🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗
  • author
    14 दिसम्बर 2021
    सुन्दर लिखा है आपने🌻🌻🌹🌹☘️☘️ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
  • author
    Makrand Nagar
    14 दिसम्बर 2021
    Very correct and nice
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    14 दिसम्बर 2021
    बहुत सुंदर लिखा आप ने 💐💐💐💐💐💐💐 ✍️👌👌👌👌👌👌👌👌👌 🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗
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    14 दिसम्बर 2021
    सुन्दर लिखा है आपने🌻🌻🌹🌹☘️☘️ 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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    Makrand Nagar
    14 दिसम्बर 2021
    Very correct and nice