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शैतान का मंदिर

4.8
297

प्रकाश खेत में बाद में जाना, पहले यह खिचड़ी(काली उड़द की दाल और चावल) शैतान के मंदिर में चढ़ाकर आ। कल चला जाऊंगा माँ, आज मेरा मन नहीं कर रहा है। कितनी ऊपर बना है शैतान का मंदिर, वो भी एकदम पहाड़ी पर ...

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लेखक के बारे में
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Soniyya D Jadhav

लिखने का शौक मुझे प्रतिलिपी तक ले आया और अब यह एक प्यारी सी आदत बन चुका है, जिंदगी जीने का मकसद बन चुका है। पाठकों और फॉलोवर्स के प्रोत्साहन के लिये मैं तहे दिल से आभारी हूँ। पाठकों से गुज़ारिश है कि वो अपनी समीक्षा ज़रूर दे और रचनाएं आगे शेयर जरूर करें। आपकी एक समीक्षा मेरा हौसला कई गुना बढ़ा देती है। धन्यवाद🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shailendra shukla "शैल"
    11 अक्टूबर 2022
    बेहतरीन कहानी है 👌👌👌👌👍👍👍🙏🙏🙏🙏
  • author
    Bandna Thakur
    07 मार्च 2022
    👌👌
  • author
    rajni soni
    27 अप्रैल 2021
    kalpana ko sach ka jama pehnaya .vishwas karne lagta hai kuch batoun ka tarke nahi hota hai
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shailendra shukla "शैल"
    11 अक्टूबर 2022
    बेहतरीन कहानी है 👌👌👌👌👍👍👍🙏🙏🙏🙏
  • author
    Bandna Thakur
    07 मार्च 2022
    👌👌
  • author
    rajni soni
    27 अप्रैल 2021
    kalpana ko sach ka jama pehnaya .vishwas karne lagta hai kuch batoun ka tarke nahi hota hai