प्रकाश खेत में बाद में जाना, पहले यह खिचड़ी(काली उड़द की दाल और चावल) शैतान के मंदिर में चढ़ाकर आ। कल चला जाऊंगा माँ, आज मेरा मन नहीं कर रहा है। कितनी ऊपर बना है शैतान का मंदिर, वो भी एकदम पहाड़ी पर ...
लिखने का शौक मुझे प्रतिलिपी तक ले आया और अब यह एक प्यारी सी आदत बन चुका है, जिंदगी जीने का मकसद बन चुका है। पाठकों और फॉलोवर्स के प्रोत्साहन के लिये मैं तहे दिल से आभारी हूँ। पाठकों से गुज़ारिश है कि वो अपनी समीक्षा ज़रूर दे और रचनाएं आगे शेयर जरूर करें। आपकी एक समीक्षा मेरा हौसला कई गुना बढ़ा देती है। धन्यवाद🙏
सारांश
लिखने का शौक मुझे प्रतिलिपी तक ले आया और अब यह एक प्यारी सी आदत बन चुका है, जिंदगी जीने का मकसद बन चुका है। पाठकों और फॉलोवर्स के प्रोत्साहन के लिये मैं तहे दिल से आभारी हूँ। पाठकों से गुज़ारिश है कि वो अपनी समीक्षा ज़रूर दे और रचनाएं आगे शेयर जरूर करें। आपकी एक समीक्षा मेरा हौसला कई गुना बढ़ा देती है। धन्यवाद🙏
रिपोर्ट की समस्या
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