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षड्यंत्र के चक्र व्यूह

3.5
327

जब सही को घसीटते है , तो बहुत चोट लगती है , न दिखने वाली आत्मा पर , जो इस तन -मन को , त्यागने के लिए तैयार हो जाती है। तब न जाने कैसे ? खुद की सच्चाई का एक बुलबुला , उसे निराशा और हताशा में भी ...

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संतोष बंसल
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    Bhanu Chauhan
    26 दिसम्बर 2021
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