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शबनमी ख्वाब का एहसास

4.3
2581

एक ऐसी वास्तविकता जो कहीं न कहीं ख्वाब के सहारे आँखों के सामने से गुजरती है जो अपनी हकीकत या अफसाना स्वयं बयां करती है.

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लेखक के बारे में

लेखक, विश्लेषक, सामाजिक अन्वेषक, सहायक प्राध्यापक

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    vijay setia
    22 मार्च 2022
    kya tha ye,,, kyu likha
  • author
    Sk Jaiswal
    06 अगस्त 2021
    n sir n per ye h kya???
  • author
    prabha malhotra
    09 जुलाई 2020
    सच में ख्वाब जैसी कहानी । अच्छी लगी ।
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  • author
    vijay setia
    22 मार्च 2022
    kya tha ye,,, kyu likha
  • author
    Sk Jaiswal
    06 अगस्त 2021
    n sir n per ye h kya???
  • author
    prabha malhotra
    09 जुलाई 2020
    सच में ख्वाब जैसी कहानी । अच्छी लगी ।