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सेक्स

4.8
84

सेक्स अगर ‘इश्क़’ का हिस्सा हैतो पवित्र है, अगर 'रज़ामंदी' का हिस्सा हैतो कोई बुराई नहीं है, और अगर 'जबरदस्ती' का हिस्सा हैतो घोर पाप है. और हां... "परिपक्वता एवं समझदारी"सेक्स के सन्दर्भ मेंबहुत जरुरी ...

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लेखक के बारे में
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RatanRaj

हमे इरोटिक वो भी पूरें अंदाज मे लिखना और पढ़ना पसंद है, अगर किसी को भी मेरी कहानियां और पोस्ट अश्लील लगे तो कृपया दूर रहे, बेवजह लीपि पे शिकायत कर मोरल पुलिसिंग न बनें

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    REENA JAISWAL
    21 ஜனவரி 2024
    आप सही है पर पता है आपको आप जिस की बात कर रहे हैं वह महज एक लहर है प्रेम सागर है कभी इस पर भी लिखेंगे पर अभी चस्मा भूल गए हैं पता नही क्या लिख जाए 🙏🙏
  • author
    15 நவம்பர் 2023
    विषय विवादित हो सकता है लेकिन अश्लील शायद नहीं दृष्टिकोण यदि बुरा होता तो सृजन का आधार नहीं ?
  • author
    Poonam Kaparwan pikku
    04 பிப்ரவரி 2024
    सहमति से कोई भी काम बुरा नहीं ये संबंध तो हां को हां और न को न ही समझना चाहिए।
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    REENA JAISWAL
    21 ஜனவரி 2024
    आप सही है पर पता है आपको आप जिस की बात कर रहे हैं वह महज एक लहर है प्रेम सागर है कभी इस पर भी लिखेंगे पर अभी चस्मा भूल गए हैं पता नही क्या लिख जाए 🙏🙏
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    15 நவம்பர் 2023
    विषय विवादित हो सकता है लेकिन अश्लील शायद नहीं दृष्टिकोण यदि बुरा होता तो सृजन का आधार नहीं ?
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    Poonam Kaparwan pikku
    04 பிப்ரவரி 2024
    सहमति से कोई भी काम बुरा नहीं ये संबंध तो हां को हां और न को न ही समझना चाहिए।