pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

दूसरी शादी

4.3
57196

सहेलियों से घिरी संजना बड़ी सज धज के बैठी हुई है। गपशप करती लड़कियों के बीच वो एकदम शांत बैठी हुई है, जैसे तेज हवा में डोलते बादलों के बीच चांद बैठा हो। एक पल के लिए खुद को शीशे में निहारती हुई ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
अनिल जांगड़ा

कल्पनाओं को कहानी की शक्ल देता हुं।कोई लेखक नहीं हूं पर जब भी समय मिलता है तो लिखने की कोशिश करता हूं।आपके सुझाव आमंत्रित हैं अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, राय फरमाइश मेल करें [email protected] पर

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    27 जनवरी 2019
    आपकी कहानी बहुत प्यारी है. दुनिया ऐसे ही लोगों से भरी पड़ी है जो दुहरी ज़िन्दगी जीते हैं। एक समाज के लिए और एक अपने लिए।
  • author
    Alpana Anand
    11 जून 2018
    achi story hai......but adhuri si lagi ..na Jane kyu
  • author
    pooja adhikari
    24 मार्च 2021
    bhht hi acchi story h👌👌👌dil ko chuu gyi y khani👍👍👍❤️
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    27 जनवरी 2019
    आपकी कहानी बहुत प्यारी है. दुनिया ऐसे ही लोगों से भरी पड़ी है जो दुहरी ज़िन्दगी जीते हैं। एक समाज के लिए और एक अपने लिए।
  • author
    Alpana Anand
    11 जून 2018
    achi story hai......but adhuri si lagi ..na Jane kyu
  • author
    pooja adhikari
    24 मार्च 2021
    bhht hi acchi story h👌👌👌dil ko chuu gyi y khani👍👍👍❤️