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स्कूल की यादें!!

4.8
55

#स्कूल की यादें

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लेखक के बारे में
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Vinod Kumar
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    09 सितम्बर 2019
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने अपने स्कूल के दिनों की याद। भाषायी शुद्धता का ध्यान दें आप क्योंकि ये बढ़िया से बढ़िया कहानी को बेकार कर देता है। आपने चित्रण बहुत बढ़िया तरीके से किया चाहे वो विद्यालय के प्रार्थना प्रांगण में हो रही गतिविधियां हों चाहे मध्याहन के समय पापड़ वाले और छुट्टी के समय हर विद्यालय के बाहर लगने वाली ठेलों की लाइन हो। आगामी कथा के लिए शुभकामनाएं
  • author
    08 सितम्बर 2019
    आपकी कहानी मुझे भी अपने बचपन के Flashback में ले गई! बहुत उम्दा लिखा आपने! शक्तिमान का ज़िक्र आते ही मुस्कान का आना तो बनता है! लेकिन एक बात बताना चाहूँगा आपको की राष्ट्रीय गीत - सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा है, जबकि जन गण मन हमारा राष्ट्र गान है!
  • author
    Ankush Kumar
    09 सितम्बर 2019
    फिल्लिंग nice
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    09 सितम्बर 2019
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने अपने स्कूल के दिनों की याद। भाषायी शुद्धता का ध्यान दें आप क्योंकि ये बढ़िया से बढ़िया कहानी को बेकार कर देता है। आपने चित्रण बहुत बढ़िया तरीके से किया चाहे वो विद्यालय के प्रार्थना प्रांगण में हो रही गतिविधियां हों चाहे मध्याहन के समय पापड़ वाले और छुट्टी के समय हर विद्यालय के बाहर लगने वाली ठेलों की लाइन हो। आगामी कथा के लिए शुभकामनाएं
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    08 सितम्बर 2019
    आपकी कहानी मुझे भी अपने बचपन के Flashback में ले गई! बहुत उम्दा लिखा आपने! शक्तिमान का ज़िक्र आते ही मुस्कान का आना तो बनता है! लेकिन एक बात बताना चाहूँगा आपको की राष्ट्रीय गीत - सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा है, जबकि जन गण मन हमारा राष्ट्र गान है!
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    Ankush Kumar
    09 सितम्बर 2019
    फिल्लिंग nice