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स्कूल की यादें

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# स्कूल की यादेँ याद फिर से आया वो बचपन सुहाना नहीँ लौट कर  आयेगा अब वो गुजरा जमाना मस्ती के थे दिन और  बेफिक्र होती थी रातेँ जो ठान लिया था मन मेँ  वही सब हम पा जाते पापा के गुस्से से डर ...

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लेखक के बारे में
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Shalini Mukhraiya

सम्प्रिति:शालिनी मुखरैया पंजाब नेशनल बैंक , अलीगढ़ में कार्यरत विगत 20 वर्षों से लेखन में रत कहानियां कई बाल पत्रिकाओं , बैंक की आंतरिक पत्रिका में निरंतर प्रकाशित , बैंके के राजभाषा विभाग द्वारा कई बार पुरस्कृत

समीक्षा
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    ŋαfεεs αhღαď
    11 ফেব্রুয়ারি 2020
    स्टोरी पढ़ने के लिये जब आगे बढता हूँ तो something wrong बता रहा है???
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    ŋαfεεs αhღαď
    11 ফেব্রুয়ারি 2020
    स्टोरी पढ़ने के लिये जब आगे बढता हूँ तो something wrong बता रहा है???