# स्कूल की यादेँ याद फिर से आया वो बचपन सुहाना नहीँ लौट कर आयेगा अब वो गुजरा जमाना मस्ती के थे दिन और बेफिक्र होती थी रातेँ जो ठान लिया था मन मेँ वही सब हम पा जाते पापा के गुस्से से डर ...
सम्प्रिति:शालिनी
पंजाब नेशनल बैंक , अलीगढ़ में कार्यरत
विगत 20 वर्षों से लेखन में रत
कहानियां कई बाल पत्रिकाओं , बैंक की आंतरिक पत्रिका में निरंतर प्रकाशित , बैंके के राजभाषा विभाग द्वारा कई बार पुरस्कृत
सारांश
सम्प्रिति:शालिनी
पंजाब नेशनल बैंक , अलीगढ़ में कार्यरत
विगत 20 वर्षों से लेखन में रत
कहानियां कई बाल पत्रिकाओं , बैंक की आंतरिक पत्रिका में निरंतर प्रकाशित , बैंके के राजभाषा विभाग द्वारा कई बार पुरस्कृत
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