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"सावित्रीबाई फुले"

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"सावित्रीबाई फुले" सावित्रीबाई नाम नहींं, सच में ही सावित्री थी। कर्म ऐसा किया इन्होंने जग में मान बढ़ाई थी। थी शिक्षिका हर एक को शिक्षित करती थी पीड़ित और महिलाओं की मानो ये वरदान थी। करती थी ...

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लेखक के बारे में
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Ambika Jha

"हर नर दैत्य समान नहीं, न दोष मुक्त हर नारी है लेकिन यह कड़वा सच भी है, दोषी हर अत्याचारी है।।" अम्बिका झा ✍️

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    25 जनवरी 2022
    सावित्रीबाई पर लिखी आपकी ये रचना अति भावभीनी है,,, त्याग की प्रतिमूर्ति और नारी वर्ग के लिए एक आदर्श के रुप मे, इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा है,,, आपने इनके सम्मान मे रचना सृजित कर अच्छा आदर्श पेश किया है,,,, कविता की लयबद्धता बहुत अच्छी लगी.हमारी बधाइयाँ और शुभकामनाएं, ऐसी ही सुंदर रचना करती रहे.
  • author
    Balram Soni
    04 जनवरी 2022
    बहुत ही बढ़िया बेहतरीन बेमिसाल रचना का सृजन आपके द्वारा, सावित्री बाई फुले की जन्मजयंती की हार्दिक शुभकामनायें, शुभ प्रभात🙏🌹 जय श्री राधे कृष्णा🌹🙏
  • author
    Naveen Pawar
    27 जनवरी 2022
    सतत प्रवाह एवं चिंतन ही इस जीवन का सार है यह रचना बहुत सुंदर है पढ़ करके चित्त प्रसन्न हो गया 🙏
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    25 जनवरी 2022
    सावित्रीबाई पर लिखी आपकी ये रचना अति भावभीनी है,,, त्याग की प्रतिमूर्ति और नारी वर्ग के लिए एक आदर्श के रुप मे, इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा है,,, आपने इनके सम्मान मे रचना सृजित कर अच्छा आदर्श पेश किया है,,,, कविता की लयबद्धता बहुत अच्छी लगी.हमारी बधाइयाँ और शुभकामनाएं, ऐसी ही सुंदर रचना करती रहे.
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    Balram Soni
    04 जनवरी 2022
    बहुत ही बढ़िया बेहतरीन बेमिसाल रचना का सृजन आपके द्वारा, सावित्री बाई फुले की जन्मजयंती की हार्दिक शुभकामनायें, शुभ प्रभात🙏🌹 जय श्री राधे कृष्णा🌹🙏
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    Naveen Pawar
    27 जनवरी 2022
    सतत प्रवाह एवं चिंतन ही इस जीवन का सार है यह रचना बहुत सुंदर है पढ़ करके चित्त प्रसन्न हो गया 🙏