"सावित्रीबाई फुले" सावित्रीबाई नाम नहींं, सच में ही सावित्री थी। कर्म ऐसा किया इन्होंने जग में मान बढ़ाई थी। थी शिक्षिका हर एक को शिक्षित करती थी पीड़ित और महिलाओं की मानो ये वरदान थी। करती थी ...
सावित्रीबाई पर लिखी आपकी ये रचना अति भावभीनी है,,, त्याग की प्रतिमूर्ति और नारी वर्ग के लिए एक आदर्श के रुप मे, इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा है,,, आपने इनके सम्मान मे रचना सृजित कर अच्छा आदर्श पेश किया है,,,, कविता की लयबद्धता बहुत अच्छी लगी.हमारी बधाइयाँ और शुभकामनाएं, ऐसी ही सुंदर रचना करती रहे.
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सावित्रीबाई पर लिखी आपकी ये रचना अति भावभीनी है,,, त्याग की प्रतिमूर्ति और नारी वर्ग के लिए एक आदर्श के रुप मे, इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा है,,, आपने इनके सम्मान मे रचना सृजित कर अच्छा आदर्श पेश किया है,,,, कविता की लयबद्धता बहुत अच्छी लगी.हमारी बधाइयाँ और शुभकामनाएं, ऐसी ही सुंदर रचना करती रहे.
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