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सवेरा

4.3
837

उस अंधेरे कमेरे में बंद ढेर सारे बच्चों के चेहरे पर दहशत की लिखी इबारत साफ़ पढ़ी जा सकती थी। अलग-अलग हिस्सों से पकड़ कर उन्हें लाया गया था और इस अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया था। कमरे का ताला बंद करते ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सरवर हसन "सरवर"
    23 മെയ്‌ 2020
    दिल बदलने को एक लम्हा काफ़ी होता है। हमें उस लम्हे की ताक में रहना चाहिये। उम्दा कहानी।
  • author
    Bhupendra Chandravanshi
    20 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    behtarin
  • author
    GHANSHYAM GHANERO
    09 ജൂലൈ 2018
    शिक्षाप्रद !
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    सरवर हसन "सरवर"
    23 മെയ്‌ 2020
    दिल बदलने को एक लम्हा काफ़ी होता है। हमें उस लम्हे की ताक में रहना चाहिये। उम्दा कहानी।
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    Bhupendra Chandravanshi
    20 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    behtarin
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    GHANSHYAM GHANERO
    09 ജൂലൈ 2018
    शिक्षाप्रद !