pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सवा सेर गेहूँ

4.6
38360

किसी गाँव में शंकर नाम का एक कुरमी किसान रहता था। सीधा-सादा गरीब आदमी था, अपने काम-से-काम, न किसी के लेने में, न किसी के देने में। छक्का-पंजा न जानता था, छल-प्रपंच की उसे छूत भी न लगी थी, ठगे जाने की ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Nilesh
    19 ஆகஸ்ட் 2017
    बहुत ही सुंदर रचना, प्रेमचंद जी उस समय की घटना का वर्णन ऐसे करते है जैसे सब आंखों के सामने हो रहा हो।अब भी कहीं कहीं पर यह सब होता है। लोगों की मजबुरी का फायदा उठाना कुछ लोगों को अच्छा लगता है।
  • author
    Satish Kumar
    29 ஏப்ரல் 2019
    घिन्न￰ होती है ये जान कर की इस दुनिया में कभी इतने नीच लोग भी रहा करते थे जो इंसान हो कर दूसरे इंसान का खून पीना पसंद करते थे
  • author
    Maddy Dubey
    03 மார்ச் 2018
    Great App, It's Honor to me for joining with Pratilipi, Excellent, i feel great Experience and very knowledgeable, everything is here, i am very thankful to Pratilipi from bottom of my Heart, Great App,.
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Dr. Nilesh
    19 ஆகஸ்ட் 2017
    बहुत ही सुंदर रचना, प्रेमचंद जी उस समय की घटना का वर्णन ऐसे करते है जैसे सब आंखों के सामने हो रहा हो।अब भी कहीं कहीं पर यह सब होता है। लोगों की मजबुरी का फायदा उठाना कुछ लोगों को अच्छा लगता है।
  • author
    Satish Kumar
    29 ஏப்ரல் 2019
    घिन्न￰ होती है ये जान कर की इस दुनिया में कभी इतने नीच लोग भी रहा करते थे जो इंसान हो कर दूसरे इंसान का खून पीना पसंद करते थे
  • author
    Maddy Dubey
    03 மார்ச் 2018
    Great App, It's Honor to me for joining with Pratilipi, Excellent, i feel great Experience and very knowledgeable, everything is here, i am very thankful to Pratilipi from bottom of my Heart, Great App,.