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सत्य.... प्रेम... करुणा....

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सत्य ( राम )  : हम जो है वो सब सच सच बता देते हैं...                    हमसे कुछ छुपता नही है... क्युकी, हमारे                        साथ सत्य रूपी राम है.... 🙏 प्रेम ( कृष्ण ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    निरंजना जैन
    24 मार्च 2023
    बहुत ही सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति विष्णुप्रिया जी।कि हम जैसा सोचते हैं वैसे ही बनते चले जाते हैं।👍👌👌👌
  • author
    🍃 khushbu 🔱
    23 मार्च 2023
    बहुत बहुत बहुत सुंदर प्रस्तुति है रातरानी प्रेम पर बहुत अच्छा लिखा है आपने ,,, राधारानी पर उनके प्रेम पर बहुत ही अच्छी रचना है 🌹🌹🌹💞💞🌺🌺🌺
  • author
    Anita S.
    23 मार्च 2023
    बिल्कुल सही कहा डियर 🤗🤗🥰🥰और हमे उन पर विश्वास भी हो जाता है और फिर मन से हर तरह का भय भी दूर हो जाता है।
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    निरंजना जैन
    24 मार्च 2023
    बहुत ही सटीक और सार्थक अभिव्यक्ति विष्णुप्रिया जी।कि हम जैसा सोचते हैं वैसे ही बनते चले जाते हैं।👍👌👌👌
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    🍃 khushbu 🔱
    23 मार्च 2023
    बहुत बहुत बहुत सुंदर प्रस्तुति है रातरानी प्रेम पर बहुत अच्छा लिखा है आपने ,,, राधारानी पर उनके प्रेम पर बहुत ही अच्छी रचना है 🌹🌹🌹💞💞🌺🌺🌺
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    Anita S.
    23 मार्च 2023
    बिल्कुल सही कहा डियर 🤗🤗🥰🥰और हमे उन पर विश्वास भी हो जाता है और फिर मन से हर तरह का भय भी दूर हो जाता है।