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साथ साथ वोह..

4.2
233

साथ साथ वोह भी तो चलता रहा , था नसीब मेरा बस छ़लता रहा | डूब गई कश्ती नजर के सामने, हाथ बस किनारे मैं मलता रहा बद नसीब था वोह कुछ मेरी तरहा , घर उसका बरसात में भी ज़लता रहा किस कदर पहेचानुं मैं उसको ...

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हुसैन गाहा

हुसैन गाहा , " हुसैन " भावनगर , गुजरात , ( ईन्डीया)

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    धीरज कुमार
    13 फेब्रुवारी 2019
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    13 फेब्रुवारी 2019
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