वक्त कितना भी विचलित कर दे मन को.... पर मन! तुम कभी निराश मत होना साहस से रास्ता बनाकर सच्चाई का दामन पकड़ जीवन के पथ पर चाहे वक्त कितना भी कठिन क्यों न हो आये तुम कभी भयभीत न होकर आगे बढ़ना ...... ...
नाम : रीता सिंह
साहित्य में - रीता सिंह 'सर्जना'
रूचि : साहित्य सृजन, संगीत और भ्रमण
पेशा : नौकरी
संस्था : पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी , तेज़पुर असम की संस्थापिका/ अध्यक्ष
सारांश
नाम : रीता सिंह
साहित्य में - रीता सिंह 'सर्जना'
रूचि : साहित्य सृजन, संगीत और भ्रमण
पेशा : नौकरी
संस्था : पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी , तेज़पुर असम की संस्थापिका/ अध्यक्ष
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