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सशक्त मन

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वक्त कितना भी विचलित कर दे मन को.... पर मन! तुम कभी निराश मत होना साहस से रास्ता बनाकर सच्चाई का दामन पकड़ जीवन के पथ पर चाहे वक्त कितना भी कठिन क्यों न हो आये तुम कभी भयभीत न होकर आगे बढ़ना ...... ...

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लेखक के बारे में
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रीता सिंह

नाम : रीता सिंह साहित्य में - रीता सिंह 'सर्जना' रूचि : साहित्य सृजन, संगीत और भ्रमण पेशा :  नौकरी संस्था : पूर्वोत्तर हिंदी साहित्य अकादमी , तेज़पुर असम की संस्थापिका/ अध्यक्ष

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ravindra Narayan Pahalwan
    17 अक्टूबर 2018
    बहुत ही सुंदर / मैं रचना की सराहना करता हूँ...
  • author
    मंजीत कुमार
    19 अगस्त 2018
    प्रेरक रचना पढ़ कर अच्छा लगा
  • author
    Sumedha Prakash
    02 अक्टूबर 2018
    प्रेरक रचना
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  • author
    Ravindra Narayan Pahalwan
    17 अक्टूबर 2018
    बहुत ही सुंदर / मैं रचना की सराहना करता हूँ...
  • author
    मंजीत कुमार
    19 अगस्त 2018
    प्रेरक रचना पढ़ कर अच्छा लगा
  • author
    Sumedha Prakash
    02 अक्टूबर 2018
    प्रेरक रचना