pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सशक्त बनो तुम आसक्त न रहो

5
41

सशक्त बनो तुम आसक्त न रहो कदम से मिला कदम बढ़ते रहो राह अपनी बना फिर बढ़ते रहो अपने लिये सोच कर चलते रहो पढ़ लिख कर नाम ये करते रहो कर सकती सब नारी करते रहो हर क्षेत्र में सदा सफल होते रहो कामयाबी के ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Balram Soni
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shivani Kaushal "Guruvani"
    02 മാര്‍ച്ച് 2022
    बहुत ही अच्छा 🙏💕
  • author
    03 മാര്‍ച്ച് 2022
    अति सुन्दर रचना👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🤗✍🏻🙏🏻👌🏻👌🏻👌🏻
  • author
    Saraswati Mishra
    04 മാര്‍ച്ച് 2022
    आपकी भावनाओं का कद्र करती हूँ महिलाओं के लिए आपके विचार सराहनीय है लाजवाब लिखा है आपने
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shivani Kaushal "Guruvani"
    02 മാര്‍ച്ച് 2022
    बहुत ही अच्छा 🙏💕
  • author
    03 മാര്‍ച്ച് 2022
    अति सुन्दर रचना👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🤗✍🏻🙏🏻👌🏻👌🏻👌🏻
  • author
    Saraswati Mishra
    04 മാര്‍ച്ച് 2022
    आपकी भावनाओं का कद्र करती हूँ महिलाओं के लिए आपके विचार सराहनीय है लाजवाब लिखा है आपने