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"सरला"

4.4
8285

जीवन चलने का नाम है, छलने का नहीं। आँखों पर काला चश्मा लगाए , रोज मंदिर की सीढ़ियों पर बैठती सरला की कहानी कुछ हट कर थी।प्रकृति हो कि इन्सान- सरला के साथ बस छल ही करते रहे। पैदा हुई तो भगवान ने ...

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लेखक के बारे में

पटना,बिहार में जन्म,पेशे से वकील,पठन-लेखन में अत्यधिक रुचि,वर्तमान पता -दिल्ली..

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    हेमंत मोढ़ "Happy-Mentor"
    31 मई 2019
    औरों का दुख देखा तो अपना दुःख भूल गया, वाकई दुनियां में कितने ही लोग का जीवन दुखों से भरा पड़ा है, फिर भी पूरी सिद्दत और संघर्ष के साथ ही अपना जीवन बीता रहें हैं हालातों और जिन्दगी से हार न मानते हुए। अर्चना जी आपने सरलता, सहजता से इतनी दू:ख भरी प्रेरक रचना पैश की हैं, बहुत बहुत बधाई, हार्दिक शुभकामनाएं..! "प्यार का एहसास" कहानी पढ़िएगा, प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा... Hemant Modh
  • author
    Saraswati Mishra
    25 जून 2020
    बहुत ही सुन्दर रचना सही लिखा है आपने इस संसार में बहुत सारी सरला पर किसी का दुख कोई बाँट नहीं सकता
  • author
    कोमल राजपूत
    19 मार्च 2018
    बहुत से लोगों के जीवन को आपने शब्दों में पिरोकर कहानी का रूप दिया है ।। अद्भुत रचना
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    हेमंत मोढ़ "Happy-Mentor"
    31 मई 2019
    औरों का दुख देखा तो अपना दुःख भूल गया, वाकई दुनियां में कितने ही लोग का जीवन दुखों से भरा पड़ा है, फिर भी पूरी सिद्दत और संघर्ष के साथ ही अपना जीवन बीता रहें हैं हालातों और जिन्दगी से हार न मानते हुए। अर्चना जी आपने सरलता, सहजता से इतनी दू:ख भरी प्रेरक रचना पैश की हैं, बहुत बहुत बधाई, हार्दिक शुभकामनाएं..! "प्यार का एहसास" कहानी पढ़िएगा, प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा... Hemant Modh
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    Saraswati Mishra
    25 जून 2020
    बहुत ही सुन्दर रचना सही लिखा है आपने इस संसार में बहुत सारी सरला पर किसी का दुख कोई बाँट नहीं सकता
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    कोमल राजपूत
    19 मार्च 2018
    बहुत से लोगों के जीवन को आपने शब्दों में पिरोकर कहानी का रूप दिया है ।। अद्भुत रचना