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खपरैल तडातड कच्चे आँगन में गिरकर टूट रही थी । मगर किसी में हिम्मत नहीं थी कि आँगन में निकलकर या फिर दालान से ही रेहान को आवाज देकर मना करता। अम्मा को दौरा पड़ गया था। हाथ-पैर ऐंठ गये थे। मुँह से झाग ...