pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

सारांश : नियति के हर मोड पर इंसान को खुद को साबित करना पड़ता है

5
7

नियति के हर मोड़ पे एक सवाल आता है ? क्या हार मान लूँ या फिर से चलना है                                                       कभी अंधेरे में रास्ते  खो जाते है  तो कभी उम्मीदों के दीप जल जाते ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

hi I am a home maker and poetry story lover and quiet soul who finds beauty in simple things I am deeply connected to animal especially dogs, they are like family to me. I am writing is my way to express the emotions, can't always say out loud through poems and stories. I share feelings from the heart of love motherhood silence and strength

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    01 अगस्त 2025
    आदरणीय नियति के मोड पर आपके विचार काबिले तारीफ है। मोड नियति का कुछ ऐसा हुआ। रास्ता सीधा था जो मुश्किल हुआ। माना जीवन सुख दुख का मेल है। कुछ छूटा कुछ नया शामिल हुआ इसी तरह से अच्छा-अच्छा लिखते रहिए और साहित्य को समृद्ध करते रहिए ताकि हम जैसे पाठक आपकी रचनाओं का आनंद ले सके सादर। शिवा भोपाल
  • author
    mohan lal
    01 अगस्त 2025
    आपकी रचना जब भी पढ़ता हूं शीर्षक झलकता है आपकी रचना से लाजवाब रचना लगती है मुझे आपकी मेरी रचना भी एक बार पढ़ कर लाइक शेयर और प्रोत्साहन राशि का सहयोग करें बहुत-बहुत धन्यवाद
  • author
    01 अगस्त 2025
    🌹💝🌹सार गर्भित विश्लेषण🌹💝🌹 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    01 अगस्त 2025
    आदरणीय नियति के मोड पर आपके विचार काबिले तारीफ है। मोड नियति का कुछ ऐसा हुआ। रास्ता सीधा था जो मुश्किल हुआ। माना जीवन सुख दुख का मेल है। कुछ छूटा कुछ नया शामिल हुआ इसी तरह से अच्छा-अच्छा लिखते रहिए और साहित्य को समृद्ध करते रहिए ताकि हम जैसे पाठक आपकी रचनाओं का आनंद ले सके सादर। शिवा भोपाल
  • author
    mohan lal
    01 अगस्त 2025
    आपकी रचना जब भी पढ़ता हूं शीर्षक झलकता है आपकी रचना से लाजवाब रचना लगती है मुझे आपकी मेरी रचना भी एक बार पढ़ कर लाइक शेयर और प्रोत्साहन राशि का सहयोग करें बहुत-बहुत धन्यवाद
  • author
    01 अगस्त 2025
    🌹💝🌹सार गर्भित विश्लेषण🌹💝🌹 🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️🏵️