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सपनों का शहर

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सपनों का शहर उजड़ गया ,, कुछ नंबर से मैं फिर पिछड़ गया। क्या यह मेरी नाकामयाबी है ,, या फिर मेरी किस्मत की साजिश है। पिछले साल धांधली में फंस गया,, इस साल कठिन प्रश्नों में उलझ गया । फिर घरवालों को ...

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लेखक के बारे में
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ममता जायसवाल

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समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Amit Ji
    09 जून 2025
    बेहद शानदार लेखन अति उत्तम बेहतरीन लाजवाब सुंदर प्रस्तुति 💐🙏🌹✍️👍👌
  • author
    Sunita ًRajput ً
    09 जून 2025
    ✍🏻✍🏻✍🏻👌🏻👌🏻👌🏻
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  • author
    Amit Ji
    09 जून 2025
    बेहद शानदार लेखन अति उत्तम बेहतरीन लाजवाब सुंदर प्रस्तुति 💐🙏🌹✍️👍👌
  • author
    Sunita ًRajput ً
    09 जून 2025
    ✍🏻✍🏻✍🏻👌🏻👌🏻👌🏻